नई दिल्ली। रेलवे सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून की धज्जियां उड़ाने में सबसे आगे है। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) को रेलवे के खिलाफ सर्वाधिक ऎसी शिकायतें मिली हैं। इससे लगता है कि यह आरटीआई के तहत किए सवालों का जवाब देने में टालमटोल ज्यादा करता है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सीआईसी को रेलवे के खिलाफ सर्वाधिक 4,585 शिकायतें मिलीं। इसके बाद दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का नंबर है। इसके अधिकारियों के खिलाफ 1,580 शिकायतें मिली हैं। तीसरे नंबर पर दूरसंचार मंत्रालय है, जिसके विरूद्ध 1,439 ऎसी शिकायतें आईं।
ये आंकड़े कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने जुटाए हैं।
कया कहता है कानून: आरटीआई कानून, 2005 के अनुसार किसी नागरिक को सरकारी अधिकारियों के पास मौजूद सूचना पाने का हक है। भले ही ये अधिकारी सरकारी विभागों, मंत्रालयों, बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि के हों। सूचना देने से इनकार करने पर या पर्याप्त जानकारी नहीं देने पर सबसे पहले सूचना संबंधित महकमे के प्रथम अपीलीय प्राधिकरण के पास दर्ज कराई जानी चाहिए। वहां से संतोषजनक उत्तर न मिलने की दशा में द्वितीय अपीलीय प्राधिकरण के पास जाना चाहिए, जो कि केंद्रीय सरकारी कार्यालयों के लिए सीआईसी है।
किसके खिलाफ कितनी शिकायतें?
रेलवे 2585
एमसीडी 1580
दूरसंचार 1439
पासपोर्ट 1104
मानव संसाधन विभाग 1103
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 966
कर्मचारी भविष्य निधि 957
गृह मंत्रालय 791
रक्षा मंत्रालय 767
दिल्ली सरकार 699
स्त्रोत/साभार : पत्रिका डोट कॉम, ११.११.११
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