दाउदनगर (औरंगाबाद-बिहार), जागरण प्रतिनिधि : बुधवार को जमीन साठ हजार की, निबंधन शुल्क छह लाख शीर्षक से छपी खबर का असर यह हुआ कि आरटीआई कार्यकर्ता बसंत कुमार ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत नगर पंचायत से जमीन संबंधित ब्यौरा मांगा है। इसी खबर में नपं की लापरवाही से बढ़ा सिरदर्द बाक्स रिपोर्ट छपी थी। आररटीआई कार्यकर्ता ने बुधवार को ही नगर पंचायत को आवेदन देकर नगर पंचायत का कुल क्षेत्रफल व जनसंख्या का ब्यौरा मांगा है। साथ ही नगर पंचायत अंतर्गत जमीनों का वर्गीकरण (वाणिज्य, आवासीय, कृषि योग्य, बलुई, वीट व परती) कार्यक्षेत्र किन पदाधिकारी और कर्मचारी का है की जानकारी मांगी है।
वर्गीकरण हेतु जिम्मेवार पदाधिकारी का नाम व पता उपलब्ध कराया जाए। इन जमीनों के ब्यौरे के साथ खाता, प्लाट, वार्ड संख्या का ब्यौरा भी उपलब्ध कराने को कहा गया है। नगर पंचायत के लिए ऐसी सूचना उपलब्ध कराना काफी मुश्किल होगा, क्योंकि नगर पंचायत में कर्मचारियों का अभाव तो है ही जो हैं भी वे कर्मठ नहीं माने जाते। बता दें कि प्रकाशित खबर में कहा गया था कि शहरी क्षेत्र में कृषि योग्य बलुई और वीट की हजारों एकड़ जमीन है, लेकिन सरकार के न्यूनतम मूल्य पंजी में इस तरह की जमीनों का कोई जिक्र नहीं है। नतीजा शहर की तमाम जमीनों को वाणिज्य और आवासीय मान ली गई है। स्त्रोत : जागरण Updated on: Thu, 09 Feb 2012 06:41 PM (IST)
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