राजकिशोर ॥ फरीदाबाद, जनसूचना अधिकार के अधिनियम 2005 के तहत एक गैर सरकारी संस्था ने स्कूल के सभी बच्चों के घर के पते के साथ ही उनका या उनके माता-पिता का मोबाइल नंबर या लैंडलाइन नंबर मांगा है। इस तरह सूचना मांगे जाने से गर्ल्स स्कूलों के प्रिंसिपल परेशान हैं। यही नहीं एनजीओ ने सीधे स्कूलों के प्रिंसिपलों को फोन कर 3 दिन के अंदर पूरा डेटा देने का दबाव डाला है। ऐसे में गर्ल्स स्कूल के प्रिंसिपल परेशान हैं कि आखिर लड़कियों के घर का पता और फोन नंबर वह मुहैया करा सकते हैं या नहीं।
एनआईटी स्थित एक गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि दिल्ली की एक एनजीईओ के पदाधिकारी का फोन आया था, उसने स्कूल का एड्रेस मांगने के साथ ही स्कूल में पढ़ने वाली सभी लड़कियों का फुल एड्रेस और उनके फोन नंबर भी मांगे। यही नहीं एनजीओ की ओर से इसका पूरा फॉरमेट भेजा गया है। साथ ही जिला शिक्षा कार्यालय का पत्र भी दिखाया है। जबकि स्कूल को जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से डेटा उपलब्ध कराने को लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है। इस बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आरटीआई के तहत किसी ने बच्चों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी है। अगर एनजीओ लड़कियों के फोन नंबर और एड्रेस मांग रहा है, तो स्कूल प्रिंसिपल यह जानकारी न दें। उपलब्ध न करवाएं। जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से न तो स्कूलों के प्रिंसिपल का नंबर दिया गया है और न ही एनजीओ को स्कूल प्रिंसिपलों से स्कूल के बच्चों के एड्रेस और मोबाइल नंबर लेने को कहा गया है। अगर स्कूल प्रिंसिपल की ओर से ऐसी कोई भी शिकायत आती है, तो कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।-Nav Bharat Times 17 Dec 2011, 0400 hrs IST
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