Mon Mar 12 2012 19:49:49 GMT+0530 (India Standard Time)
क्या आरटीआई के जबाब की क़ीमत 1 लाख 30 हज़ार हो सकती है। प्रशासन के करप्शन को उज़ागर करने के लिए आम जनता को जिस आरटीआई क़ानून का अधिकार मिला है, उसके लिए जनता से वसूले जा रहे हैं लाखों रुपये।
कल्याण इलाक़े में एक आरटीआई एक्टीविस्ट ने आरटीआई के तहत जनकारी मांगी तो उसे 1 लाख 30 हज़ार रुपये का बिल थमा दिया गया है। कल्याण में रहने वाले 40 साल के संजय भलिका एक केस मे 43 दिनों के लिए आदारवाडी जेल में बंद थे।
इस दौरान उन्होंने वहां क़ैदियों को दिए जाने वाले खाने के बारे में हो रही गड़बडि़यों को क़रीब से देखा। जेल से छूटने के बाद उन्होंने इसका पर्दाफ़ाश करने के मक़सद से आरटीआई के ज़रिए पिछले 10 साल की जानकारी मांगी।-P-7 News
जेल प्रशासन ने क़ाग़ज पत्रों की जेरॉक्स प्रति उपलब्ध कराने के लिए मांगे 1 लाख 29 हज़ार 814 रुपये। जेल प्रशासन के मुताबिक जो जानकारी मांगी गई हैं, वह 12500 पेज में समाहित है।
हालांकि अगर जेल प्रशासन चाहे तो जो जानकारी मांगी है, उसे सीडी में भी दिया जा सकता है, जिसमें मामूली ख़र्च आता है।-
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